राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में अंतर
राज्य और केंद्रशासित प्रदेश के बीच के अंतर को (भारत के संदर्भ में) आप निम्नांकित बिंदुओं की सहायता से सुगमता से समझ सकते हैं:
- राज्य को अपनी सरकार के साथ प्रशासनिक इकाईयों के रूप में देखा जाता है जबकि केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा संघ शासित इकाईयों का अर्थ केंद्र सरकार द्वारा नियंत्रण एवं प्रशासन से है. अर्थात राज्य की अपनी चुनी हुई सरकार होती है जबकि केंद्रशासित प्रदेश में प्रत्यक्ष रूप से भारत सरकार का शासन होता है.
- पूर्ण राज्य का मान्यता प्राप्त राज्यों का मुखिया मुख्यमंत्री होता है जिसे उस राज्य की जनता चुनती है और राज्य के विकास कार्य सम्बंधी निर्णय मुख्यमंत्री अपने मंत्रीमण्डल की सहायता से लेता है जबकि केंद्र शासित प्रदेश में प्रशासक या उपराज्यपाल होते हैं जिन्हें राष्ट्रपति नियुक्त करते हैं.
- राज्य में शक्ति एवं अधिकारों का विभाजन केंद्र और राज्य के बीच होता है जबकि केंद्रशासित प्रदेश में सारी शक्ति केंद्र के हाथों में होती है.
- केंद्रशासित प्रदेशों में भी चुनाव द्वारा सरकार बनाई जा सकती है, यहाँ मुख्यमंत्री हो सकते हैं परन्तु सत्ता की सारी शक्तियां राष्ट्रपति के प्रतिनिधि के रूप में वहाँ के उपराज्यपाल के हाथ में होती है.
- सामान्यतः केंद्रशासित प्रदेशों का आकार राज्य की तुलना में छोटा होता है.
- वर्तमान में भारत में 28 राज्य और 9 केंद्रशासित प्रदेश हैं.
- भारत के 9 केंद्रशासित प्रदेश है: दिल्ली, अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दमन-दीव, लक्षद्वीप, पुडुचेरी, दादरा नगर हवेली, लद्दाख और जम्मू-कश्मीर.
- पंजाब तथा हरियाणा में स्वामित्व की लड़ाई के कारण चंडीगढ़ को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया.
- दिल्ली को देश की राजधानी होने के कारण केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया. दिल्ली में मुख्यमंत्री से ज्यादा शक्तियां यहाँ के एल जी (उपराज्यपाल) के पास होती है.
- अंडमान-निकोबार को भौगोलिक स्थिति के कारण केंद्र शासित प्रदेश घोषित हुआ.
- दमन-दीव, पुडुचेरी और गोवा को सांस्कृतिक वैविध्य के कारण केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया.
- जम्मू कश्मीर और लद्दाख नवीनतम केंद्र शासित प्रदेश घोषित हुआ जब अनुच्छेद 370 और 35 ए से इन क्षेत्रों को मुक्त किया गया.