ग्रहों व सितारों का संसार हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Grahon va Sitaron ka Samsar Hindi Book
इस पुस्तक का नाम है : ग्रहों व सितारों का संसार | इस पुस्तक के लेखक/संपादक है: डॉ. डी. एन. खोसला | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : शब्द शिल्पी, दिल्ली | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 22 MB है | इस पुस्तक में कुल 90 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "ग्रहों व सितारों का संसार" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.
Name of the book is : Grahon va Sitaron ka Samsar | Author/Editor of this book is : Dr. D. N. Khosla | This book is published by : Shabda Shilpi, Delhi | PDF file of this book is of size 22 MB approximately. This book has a total of 90 pages. Download link of the book "Grahon va Sitaron ka Samsar" has been given further on this page from where you can download it for free.
पुस्तक के संपादक | पुस्तक की श्रेणी | पुस्तक का साइज | कुल पृष्ठ |
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डॉ. डी. एन. खोसला | विज्ञान | 22 MB | 90 |
पुस्तक से :
ग्रह और सितारे हमेशा से मनुष्य की जिज्ञासा के केंद्र-बिंदु रहे हैं। विश्व के सभी देशों के लोग सदा से ही सितारों को जानने-पहचानने में रुचि लेते रहे हैं। यह कहना कि मनुष्य ने गर्दन उठा आकाश की ओर देखने मात्र से ही असंख्य सितारों, मंदाकिनियों और अंतरिक्ष के कल्पनातीत विस्तार के बारे में सब कुछ जान लिया अतिशयोक्ति होगी।
ब्रह्माण्ड की विशालता का अनुमान लगाना अत्यन्त कठिन है। इसकी परिसीमा मानव परिकल्पना की परिधि से कहीं दूर है। हम न तो इसकी विशालता को ही जानते हैं और न ही इस विषय में स्पष्ट रूप से कुछ कह ही सकते हैं। इसे जानने के लिए हमें पृथ्वी के अतिरिक्त अन्य प्रक्रमों, ग्रहों आदि की ओर भी ध्यान देना होगा।
मनुष्य हजारों वर्षों तक सितारों को देख विस्मित और आश्चर्यचकित होता रहा है तथा इनके बारे में अधिक से अधिक ज्ञान प्राप्ति हेतु उसने न केवल अपनी अनुभवी आंखों का प्रयोग किया बल्कि नाना प्रकार के यंत्रों जैसे दूरबीन, खुर्दबीन तथा गणित व खगोलशास्त्र से भी सहायता बटोर महत्वपूर्ण तथ्य एकत्रित किए हैं।
(नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)
डाउनलोड लिंक :
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