Kalyan-Shri-Hanuman-Anka-Gita-Press-Hindi-Book-PDF


Kalyan-Shri-Hanuman-Anka-Gita-Press-Hindi-Magazene-PDF


कल्याण श्री हनुमान अंक हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Kalyan Shri Hanuman Anka Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : कल्याण श्री हनुमान अंक | इस ग्रन्थ के लेखक/संपादक है: हनुमान प्रसाद पोद्दार, स्वामी रामसुखदास | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : गीता प्रेस, गोरखपुर | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 1.8 GB है | इस पुस्तक में कुल 544 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "कल्याण श्री हनुमान अंक" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Kalyan Shri Hanuman Anka | Author/Editor of this book is : Hanuman Prasad Poddar, Swami Ramsukhdas | This book is published by : Gita Press, Gorakhpur | PDF file of this book is of size 1.8 GB approximately. This book has a total of 544 pages. Download link of the book "Kalyan Shri Hanuman Anka" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
स्वामी रामसुखदासधर्म, भक्ति1.8 GB544



पुस्तक से : 

हनुमानजी पर वेद, पुराण, रामायण, महाभारत और तुलसी साहित्य में प्रचुर सामग्री प्राप्त होती है। तन्त्र- साहित्य में उनकी उपासनाके चमत्कारिक प्रभाव निर्दिष्ट हुए हैं और हनुमत् उपासना, कल्पद्रुम आदि कई स्वतन्त्र ग्रन्थ भी हैं। मन्त्रमहोदधि, मन्त्रमहार्णव आदि में उनकी अनेक उपासना-विधियाँ हैं। इन सबों के आधार पर विद्वानों ने बहुत अच्छे लेख लिखे।

 

इस अंक में हनुमानजी को तत्काल प्रसन्न करनेवाले विविध स्तोत्र, यन्त्र, मन्त्र और ध्यान पद्धतियों आदि का समावेश किया गया है। इसमें उनकी षडङ्ग, दशाङ्ग-उपासना की विधियाँ भी निर्दिष्ट हुई हैं, जिनसे वे अतिशीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्तों की कामना पूर्ण कर देते हैं। इन सबके अतिरिक्त उनके भव्य चित्र और ऐसी घटनाओं का भी समावेश किया गया, जहाँ उनके ध्यान स्मरण करते ही विपत्ति आदि दूर होने तथा उनके दर्शन आदि होने की बात भी सम्मिलित थी।

 

वाल्मीकि, अध्यात्म आदि सभी रामायणों, पुराणों आदि से संग्रह कर स्वतन्त्र हनुमदचरित्र की विस्तृत क्रमबद्ध रचना कर हनुमान् जी के जन्म से लेकर अबतक उनके अमर रहकर किये गये क्रिया-कलापों का भी परिचय दिया गया है। जैसे द्वापर में वे भीमसेन को मिले, अर्जुन के रथ पर रहे और कलियुग में गोस्वामी जी पर प्रसन्न रहकर उन्हें रामका दर्शन कराया और विविध भक्तोंकी मनोकामना पूर्ण की। इसी कारण देश-विदेश में उनके अनेक मन्दिर और प्रतिमाएँ स्थापित की गयीं। जिनकी उपासना से अनेक प्रकार के लोकोपकार तत्काल होते हैं।

 

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

"कल्याण श्री हनुमान अंक" हिन्दी पुस्तक को सीधे एक क्लिक में मुफ्त डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें |

To download "Kalyan Shri Hanuman Anka" Hindi book in just single click for free, simply click on the download button provided below.


Download PDF (1.8 GB)


If you like the book, we recommend you to buy it from the original publisher/owner.



यदि इस पुस्तक के विवरण में कोई त्रुटि है या फिर आपको इस पुस्तक से संबंधित कोई भी सुझाव अथवा शिकायत है तो उस सम्बन्ध में हमें यहाँ सूचित कर सकते हैं