Paschatya-Kavya-Shastra-Hindi-Book-PDF


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पाश्चात्य काव्य शास्त्र हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Paschatya Kavya Shastra Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : पाश्चात्य काव्य शास्त्र | इस ग्रन्थ के लेखक/संपादक है: देवेंद्र नाथ शर्मा | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : मयूर पेपरबैक्स, नोएडा | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 535 MB है | इस पुस्तक में कुल 292 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "पाश्चात्य काव्य शास्त्र" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Paschatya Kavya Shastra | Author/Editor of this book is : Devendra Nath Sharma | This book is published by : Mayur Paperbacks | PDF file of this book is of size 535 MB approximately. This book has a total of 292 pages. Download link of the book "Paschatya Kavya Shastra" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
देवेंद्र नाथ शर्माकाव्य, साहित्य535 MB292



पुस्तक से : 

मनुष्य की तरह प्रत्येक भाषा की अपनी आकृति होती है, प्रकृति होती है, भंगिमा होती है, आत्मा होती है। उसे दूसरी भाषा के चौखटे में कसने से उसकी आकृति प्रकृति ही विकृत नहीं होती, भंगिमा ही आहत नहीं होती, बल्कि आत्मा भी स्पंदनहीन हो जाती है। किसी भी भाषा के लिए यह दुःस्थिति खेदजनक है। आज हिंदी इसी दुःस्थिति में है।

 

पाश्चात्य काव्यशास्त्र पर हिंदी में अधिक नहीं लिखा गया है। जो लिखा भी गया है उसमें कुछ अपवादों को छोड़कर अधिकांश का विषय-प्रतिपादन या तो अपर्याप्त है या अबोध्य अबोध्यता का अनुभव मुझे भी हुआ है। संभव है, यह मेरी बुद्धि का दोष हो किंतु यह भी असंभव नहीं कि इसका अनुभव मेरे जैसे कुछ दूसरे लोगों को भी हुआ हो काव्यशास्त्र की आधार सामग्री दर्शन, अर्थविज्ञान, मनोविज्ञान आदि से प्राप्त होती है अतः उसका सैद्धांतिक पक्ष कुछ गूढ़ हुआ करता है जिसे दर्शन, अर्थ विज्ञान आदि उपकारक विषयों का ज्ञान है उसका काम तो सुगम होता है किंतु सभी जिज्ञासु इन विषयों के जानकार नहीं होते।

 

पाश्चात्य सभ्यता, संस्कृति, साहित्य, दर्शन, कला, विज्ञान आदि के मूल स्रोत का संधान करनेवाले को अनिवार्यतः उस भूखंड में पहुंचना पड़ता है जिसे यूनान कहते हैं यूनान यूरोप के दक्षिण-पूर्वी छोर पर अवस्थित एक प्रायद्वीप और अनेक छोटे द्वीपों का समूह है । स्वभावतः यूनान को बंदरगाहों की बेहद सुविधा है और यह सुविधा पूरे देश को उपलब्ध है, क्योंकि यूनान का कोई भी स्थान समुद्र से ८० मील अर्थात् १२० कि० मी० से अधिक दूर नहीं है ।

 

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


डाउनलोड लिंक :

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