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रिच डैड पुअर डैड हिन्दी पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Rich Dad Poor Dad Hindi Book



इस पुस्तक का नाम है : रिच डैड पुअर डैड | इस ग्रन्थ के लेखक है: रोबर्ट टी कियोसाकी | इस पुस्तक के संपादक हैं : डॉ सुधीर दीक्षित | इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : मंजुल पब्लिशिंग हाउस | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 21 MB है | इस पुस्तक में कुल 124 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "रिच डैड पुअर डैड" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Rich Dad Poor Dad | Author of this book is : Robert T Kiyosaki | Editor of this book is : Dr Sudheer Dixit | This book is published by : Manjul Publishing House | PDF file of this book is of size 21 MB approximately. This book has a total of 124 pages. Download link of the book "Rich Dad Poor Dad" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
डॉ सुधीर दीक्षितउपन्यास21 MB124



पुस्तक से : 

काश कि मैंने यह पुस्तक अपनी जवानी में पढ़ी होती या शायद इससे भी अच्छा यह होता कि यह पुस्तक मेरे माता-पिता ने पढ़ी होती। यह तो इस तरह की पुस्तक है कि आप इसकी एक-एक कॉपी अपने हर बच्चे को देते हैं और कुछ कॉपी खरीद कर रख लेते हैं ताकि जब आपके नाती-पोते हो और वे 8 या 9 साल के हो जाएँ तो आप इसे उपहार में दे सकें। - स्यू ब्रॉन

 

धन के कुछ नियम होते हैं जिनसे अमीर लोग खेलते हैं और धन के कुछ और नियम होते हैं जिनसे बाकी 95 फिसदी लोग खेलते हैं। और ये 95 फिसदी लोग उन नियमों को अपने घर और स्कूल में सीखते हैं। इसीलिए आज कल किसी बच्चे से यह कहना खतरनाक है, "मन लगाकर पढ़ो और अच्छी नौकरी खोजो"। आज बच्चों को अलग तरह की शिक्षाकी ज़रूरत है और आज की शिक्षानीति उन्हें कुछ मूलभूत बातें नहीं सिखा पा रही है।

 

जब हम अपने बच्चों को स्कूल जाने, मेहनत से पढ़ने और अच्छी नौकरी पाने की सलाह देते हैं तो अक्सर हम ऐसा सांस्कृतिक आदतों के कारण करते हैं। ऐसा करना हमेशा सही चीज मानी गई है। जब मैं रॉबर्ट से मिली तो उनके विचारों ने शुरू में तो मुझे चौंका दिया। दो डैडीयों के साथ पले-बढ़े रॉबर्ट के सामने दो अलग-अलग लक्ष्य होते थे। उनके पढ़े-लिखे डैडी उन्हें कॉरपोरेशन में नौकरी करने की सलाह देते थे। उनके अमीर डैडी उन्हें कॉरपोरेशन का मालिक बनने की सलाह देते थे।

 

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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