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संस्कृत काव्य शास्त्र इतिहास पुस्तक के बारे में अधिक जानकारी | More details about Sanskrit Kavya Shastra Itihas Book



इस पुस्तक का नाम है : संस्कृत काव्य शास्त्र इतिहास | इस ग्रन्थ के लेखक/संपादक है: आचार्य जगदीश चंद्र मिश्र| इस पुस्तक के प्रकाशक हैं : चौखम्बा सुभारती प्रकाशन, वाराणसी | इस पुस्तक की पीडीऍफ़ फाइल का कुल आकार लगभग 635 MB है | इस पुस्तक में कुल 372 पृष्ठ हैं | आगे इस पेज पर "संस्कृत काव्य शास्त्र इतिहास" पुस्तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इसे मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं.


Name of the book is : Sanskrit Kavya Shastra Itihas | Author/Editor of this book is : Acharya Jagdish Chandra Mishra | This book is published by : Chaukhamba Subharati Prakashan, Varanasi | PDF file of this book is of size 635 MB approximately. This book has a total of 372 pages. Download link of the book "Sanskrit Kavya Shastra Itihas" has been given further on this page from where you can download it for free.


पुस्तक के संपादकपुस्तक की श्रेणीपुस्तक का साइजकुल पृष्ठ
आचार्य जगदीश चंद्र मिश्रकाव्य, साहित्य635 MB372



पुस्तक से : 

ईश्वरकृपया विद्वज्जनसमक्षं काव्यशास्वस्येतिहासस्यप्रस्तुतोऽयंसंस्करणः । सत्यपि सुविस्तृते काव्यशास्त्रसाहित्ये सुमहत्यामप्यस्येतिहासप्रणयन परम्परायां संस्कृतभाषायां काव्यशास्त्रेतिहासस्य नितरामभावो वर्त्तते । अस्मादेव कारणादुप क्रम्यते मुद्रापयित्वा प्रकाशयितुमयं काव्यशास्त्रेतिहासः।

 

संस्कृतभाषायां संस्कृतकाव्यशास्त्रस्य प्राचीनतम नाम काव्यालङ्कार एवास्ति । यस्मिन् शास्त्रेऽस्य सौन्दर्यस्य पर्यालोचनं क्रियते तच्छास्त्रं काव्यशास्त्रमित्यभिधीयते । काव्यशास्त्रस्यादिमे काले एतस्मै काव्यालङ्कार शब्दस्य प्रयोगः क्रियतेस्म । एतम्मादेव हेतोः काव्यशास्त्रस्यादियुगस्य सर्वे आचार्याः स्वग्रन्थानां नामानि काव्यालङ्कार इत्यकार्षुः अलङ्कारशास्त्रस्य प्रख्यात आचायों भामहः स्वग्रन्यस्य नाम काव्यालङ्कार इत्यकार्षीत्।

 

काव्यशास्त्रस्यास्यानेक स्वकीय विशिष्टताः विलोक्यैव राजशेखर: शास्त्रमिदं वेदाङ्गमिव मन्यते स ब्रूते- 'उपकारकत्वादलङ्कारमप्तम मङ्गमिति, ऋते च तत्स्वरूपपरिज्ञानादेवार्थानवगतिः सः काव्यशास्त्रशिक्षां स्वतन्त्र विद्यामेव न मन्यते, अपितु तर्कत्रयीवातांदण्डनीतिनामधेयाना चतसृणामपि विद्यानां निष्यन्दमवगच्छति।

 

 (नोट : उपरोक्त टेक्स्ट मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियां संभव हैं, अतः इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये.)


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